Read this amazing poem- Prabhu Aabhar by Vibha in Hindi, a poem on thanking God for always being there for us and always help us in our hard time and give our child a right and positive path to grow and be successful in life.
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“प्रभु-आभार”
पता नहीं कब …..
पता नहीं कब मेरे छोटे-छोटे बच्चे बड़े हो गए,
हमको बच्चा बना दिया ।
कब हमारे गार्जियन बन गए
और जीने का हुनर सिखा दिया।
पता नहीं कब …..
पता नहीं कब जिनके छोटे -छोटे हाथों को ,
नाजुक पैरों को मैं चूमा करती थी ।
उनके गिरते -पड़ते कदमों को
मैं दौड़ सहारा देती थी,
पता नहीं कब वह मजबूत हो गए,
हमको सारी दुनिया घुमा दिया ।
पता नहीं कब …..
पता नहीं कब जो नाजुक उंगलियां मेरी उंगली पकड़कर चला करती थी ,
वहीं हाथ आज मुझे थाम कर सड़क पार कराते हैं।
उन्हें हाथों ने ढलती उम्र का एहसास करा दिया।
पता नहीं कब….
पता नहीं कब जिनको मैं बहला-फुसलाकर खिलाया करती थी,
रात में जाग कर होमवर्क कराया करती थी ।
उन्हीं ने आज मुझे ,दुनिया क्या है समझा दिया ।
पता नहीं कब….
पता नहीं कब ….
कभी देर से घर आने पर जिन्हें मैं डाटा करती थी,
दुनिया भर की बातें समझाया करती थी ,
आज वही हमें बात- बात पर समझाते हैं,
पुरानी दुनिया से नयी दुनिया में एडजस्ट करा दिया।
पता नहीं कब…
पता नहीं कब …
परेशानियों में भी कभी ना परेशान किया,
ख्वाहिशों का दमन कर मेरा आलंबन बने ,
जो दिया उसे प्यार से स्वीकार किया
मुझे स्वावलंबी बनाया और आत्मविश्वास दिया ,
उनकी इस संतोषी आदत ने मुझे खुद्दार बना दिया।
पता नहीं कब …
पता नहीं कब…..
जिनको मैं समझाया करती थी ,वह आज मेरी केयर करते हैं
बात- बात पर डांटते और अवेयर करते हैं
डांट-डांट कर नई टेक्नोलॉजी से अप टू डेट करा दिया।
पता नहीं कब….
पता नहीं कब…
रिश्तेदारों से बातें करने को छोटा फोन हुआ करता था,
उंगलियां कीपैड पर चला करती थी ,
कब वह फोन बड़ा हुआ और उंगलियां स्क्रीन टच करने लगी
उन्होंने स्मार्टफोन से familiar करा दिया।
पता नहीं कब .….
पता नहीं कब….
पुरानी सहेलियां जो केवल यादों में बसा करती थी,
उनको ढूंढ- ढूंढकर व्हाट्सएप ग्रुप में सजा दिया।
एफबी, मैसेंजर और इंस्टा से भी परिचित करा दिया ।
पता नहीं कब ….
पता नहीं कब ,
डांट को अनसुना करना, ना समय से खाना ना समय से सोना
व्यस्तता के बीच में ,’ठीक है ठीक है ना’ कहते रहना सिलसिला बन गया।
कभी-कभी कर्कश बातों से रुला दिया।
पता नहीं कब….
पता नहीं कब,
उन्हें एहसास हुआ फिर सॉरी की बौछार हुई
कभी पैर दबाए, कभी हाथ दबाए,
कभी सिर पर चंपी बारंबार हुई। ।
कभी समोसा चाट कचोरी से थाल सजी
फिर नाच कूद और नौटंकी से, हंसा हंसा कर आंसू सुखा दिया।
पता नहीं कब…..
पता नहीं कब
जान से प्यारे बच्चों को वक्त ने हमसे दूर किया।
नौकरी ऐसी चीज है जिसने सबको व्यस्त किया ।
फिर भी समय समय से उन्होंने फोन की घंटी बजा दिया
फिर हंसी मजाक चुटकुलों से बातों में उलझा दिया ।
पता नहीं कब ..
पता नहीं कब ..दादी नानी के किस्सों को उसने आंखों में सजा लिया।
कभी पंख लगा, कभी पतंग उड़ा ,अंबर को देखा करते थे
जो चांद सितारे सपने थे ,रातों में देखा करते थे ।
उनको हकीकत बना दिया ।
घोड़ा ,तांगा और टमटम की क्या बात करू ,
उसने गगन की सैर करा दिया।
पता नहीं कब…..
पता नहीं कब…
यह प्यार मेरा आधार बना
कब खुशियों की सौगात मिली
मेरे लाल यह आभार मेरे उस भगवन को
जिसने मुझको मालामाल किया
ऐसे सपूत दिए मुझको ,जिसने दशकों का भेद मिटा दिया।
पुराने खयालात के लोगों को, डिजिटल इंडियन बना दिया।
आभार मेरा उस भगवन को , आभार मेरा उस भगवान को
तू खुश रहे ,सदा आबाद रहे ,
किसी का दिल ना दुखे कभी ,
इस बात का भी तुझको ख्याल रहे
गम हो या खुशियां हो ,भाई -भाई का प्यार रहे
मैं तेरा हूं ,तू मेरा है, इस तरह के दिल में जज्बात रहे ।
तू मरहम बन, हर कष्ट हरे ।
हर जन को ही आराम दिया ।
पता नहीं कब ……
पता नहीं कब…
पता नहीं कब मेरे छोटे बच्चे बड़े हुए और हमको बच्चा बना दिया।
पता नहीं कब…..
पता नहीं कब…….
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कोटि कोटि नमन भगवान🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
aap sadaiv hamara margdarshan karte rhe
Thank God for everything, always show us the right path and protect us from evils
Nys poem👌
It’s amazing that time changes all with time to time 😁
Woooowwww mam……. It is amazing 😍😍….. Keep writing mam
Bahut hi khoobsurat rachna hai……
Thankuu God for everything🙏
Marvellous poem Mam😍👌… keep writing 👍
Nice lines👍
Thankuu God for everything!🙏
Marvellous poem Mam😍👌…. Keep writing
Huge deference for u mam… Every word of the poem is true .. keep writing mam..👍👍
Huge deference for u mam….. Every word of the poem is true… Keep writing mam….👍👍
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Beautiful poem👌👌👏😊
Thanks GOD for everything. 🙏🙏
Beautiful poem 👌👌👏
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Lovely poem, I recalled my childhood reading this art..
Thanks GOD for everything
great poem
It’s very nice poem 💖
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With time everything change but mother never change towards children she always loves her children 💖💖
Beautiful poem 👌👌👏
Thanks GOD for everything
Superb!!!!!🌟🌟
Thank you all my near n dear🙏🏻
I’m glad to read your motivational and inspirational comments🙂
♥️♥️♥️…….👌🏻👌🏻👌🏻
👍👍👍👍👍♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️
Prabhu aabhar🙏🌺🌺🌺🌺🌺
💐
Nice lines
Keep going and growing mam
😘😘
Nice suprb good rock outstanding
Nice post 📯📯📯
Superb
👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
happy navratri to all
jai mata di 🙏🏻🙏🏻🌺
👌👌👌👏👏🌹
Nice
After read this poem , what I say I have no words
Excellent mam👌👌👌👌👌♥️♥️
Excellen t mam ♥️♥️♥️👌👌👌👌👌
really great mam
superb 👌❤️ I really thank to god mam who blessed me such a nice mam
Really nice very realistic poem
Supper se bhi upar 👌
fabulous ….. heart touching poem maam
Bhagwan aap is corona ka annt kro or sabhi k dukh dard ko nasht kro🙏🏼🙏🏼
Superb aunty
great
very nice and true
👍 🙏🏻 🙏🏼
wonderful
such a great thoughts about compassion of God
bahut achchha
God !you are great
bahut hi sundar rachna hai
hakikat hi likh di aapne